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पेण्ड्रारोड के सामाजिक कार्यकर्ता मथुरा सोनी के दृढ़ संकल्प से छत्तीसगढ़ राज्य में शुरु हुआ ब्रेन डेड व कैडेवर अंग प्रत्यारोपण योजना


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पेण्ड्रारोड के सामाजिक कार्यकर्ता मथुरा सोनी के दृढ़ संकल्प से छत्तीसगढ़ राज्य में शुरु हुआ ब्रेन डेड व कैडेवर अंग प्रत्यारोपण योजना

पेण्ड्रा / किडनी की बीमारी से पीड़ित पत्नी की परेशानियों को महसूस कर पेण्ड्रारोड के वरिष्ठ समाजसेवी मथुरा सोनी ने 5 वर्ष तक लगातार शासन प्रशासन से पत्राचार कर डेढ़ वर्ष पहले जिला अस्पताल पेण्ड्रारोड में डायलिसिस मशीन लगवाने में सफल हुए जिससे मरीजों का डायलिसिस होने लगा और उन्हीं के दृढ़ संकल्प से इस वर्ष नवंबर से रायपुर के अस्पताल में ब्रेनडेड और कैडेवर अंगों का सफलतम प्रत्यारोपण शुरु हो गया है। हालांकि जिला अस्पताल में डायलिसिस मशीन शुरु होने से पहले कोरोनाकाल में उनकी पत्नी की मृत्यु हो गई लेकिन वे अपने अभियान में जुटे रहे जिसके कारण पीड़ितों को लाभ मिल रहा है।

जोश, जज्बा, जुनून, धैर्य और मजबूत इरादों के साथ जो सक्सेस मंत्र को लेकर चलते हैं उन्हें मंजिल अवश्य मिल जाती है। जिला अस्पताल पेण्ड्रारोड में डायलिसिस मशीन की स्थापना का स्वप्न और राजधानी रायपुर के अस्पतालों में ब्रेन डेड व केडेवर प्रत्यारोपण का वर्ष 2017 से अभियान चलाने वाले पेण्ड्रारोड नगर के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता मथुरा प्रसाद सोनी ने केंद्र व राज्य सरकार के साथ कई बार व्यापक स्तर पर पत्राचार किए और व्यक्तिगत रूप से अधिकारियों से मिलकर उन्हें इसकी जरूरत व महत्व को समझाया। इस बीच उनके कई पत्रों का उत्तर भी राज्य सरकार व केंद्र सरकार ने दिया।

दरअसल मथुरा सोनी ने डायलिसिस की समस्या को अपने घर में देखा और परेशानियों को महसूस किया क्योंकि वर्ष 2012 से उनकी पत्नी स्व सुमन सोनी जब किडनी रोग से ग्रसित हुई और उनका इलाज उन्होंने बिलासपुर, रायपुर, नागपुर, हैदराबाद, नाडियाड गुजरात व मुंबई में कराया तब भी कोई विशेष लाभ नहीं मिला। अंततः उनकी पत्नी को डायलिसिस मशीन पर 8 वर्षों तक रायपुर केएमएमआई अस्पताल में रहना पड़ा। इस अवधि में उन्होंने रायपुर के अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर नेफ्रोलॉजिस्ट चिकित्सक डॉक्टर सुनील धर्मानी के देखरेख में इलाज कराया। उन दिनों छत्तीसगढ़ में कैडेवर व ब्रेनडेड अंग प्रत्यारोपण की कोई सुविधा नहीं थी। किंतु दूसरे कुछ राज्यों में यह योजना संचालित होती थी। छत्तीसगढ़ राज्य में इस योजना को लागू कराने के लिए मथुरा सोनी ने राज्य व केंद्र शासन का ध्यान कई बार पत्राचार के माध्यम से आकर्षित कराया। पर नक्कारखाने में तूती की आवाज कौन सुनता है। किंतु भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एवं कोटा विधानसभा क्षेत्र की विधायक डॉक्टर रेणु जोगी ने उनके पत्राचार को देखा भी और सुना भी। उन्होंने सोनी के द्वारा किए गए पत्राचार को देखा समझा और सारे पत्रों की एक कॉपी लेकर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर का ध्यान इस महत्वपूर्ण योजना की ओर आकृष्ट कराया। इसके बाद सोनी को 1 मार्च 2018 को छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य संचालक डाक्टर चंद्राकर का एक शासकीय पत्र रायपुर से प्राप्त हुआ। जिसमें लिखा था कि भारत सरकार का अंग प्रत्यारोपण अधिनियम छत्तीसगढ़ विधानसभा के द्वारा अंगीकृत किया जा चुका है जिसकी सूचना उन्हें दी जा रही है। इस बीच उन्हें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली से व देश में अंग प्रत्यारोपण योजना की अनुमति देने वाली संस्था राष्ट्रीय अंग एवं उत्तक प्रत्यारोपण संगठन (नोटो) नई दिल्ली से पत्र प्राप्त हुआ। इस बीच कोविड-19 संक्रमण के कारण मथुरा सोनी की पत्नी की मृत्यु दिनांक 12 सितंबर 2020 को हो गई। किंतु उन्होंने अपने संकल्प को जनता को साथ लेकर लगातार पत्राचार करते रहे। उन्होंने पेण्ड्रारोड के जिला अस्पताल में डायलिसिस मशीन की स्थापना वह ब्रेन डेड व कैडेवर अंग प्रत्यारोपण की आस छत्तीसगढ़ के अस्पतालों में किया जाने की आशा नहीं छोड़ी और अपना प्रयास जारी रखा इसका परिणाम यह हुआ की पेण्ड्रारोड में वर्ष 2021 में डायलिसिस मशीन का संचालन जिला अस्पताल में प्रारंभ हो गया और वर्तमान में दो मशीनों के द्वारा प्रतिदिन 4 मरीजों का डायलिसिस होता है। इसके साथ ही नवंबर 2022 में रायपुर स्थित रामकृष्ण केयर अस्पताल में ब्रेनडेड और कैडेवर अंगों के द्वारा चार लोगों को किडनी मिली और दो लोगों का लीवर का सफलतम प्रत्यारोपण राजधानी के कुशल चिकित्सकों के द्वारा किया गया। जिससे किडनी व लीवर पीड़ित मरीज को जीवनदान मिला। यह निश्चय ही अत्यंत स्तुत्य व अभिनंदनीय कार्य है। इस पूरे योजना में डायलिसिस मशीन पेण्ड्रारोड में लगाने से लेकर रायपुर के अस्पतालों में ब्रेनडेड और अंग प्रत्यारोपण के द्वारा किया जा रहा है। वह प्रदेश के लिए बहुत बड़ी बात है हो सकता है कुछ और लोगों ने भी प्रयास किया होगा किंतु इस राज्य में 2018 के पहले अधिनियम ना बनने के कारण कई मरीज काल के गाल में समा गए किंतु वर्तमान में इस योजना के तहत मरीजों को लाभ मिल रहा है।

मथुरा सोनी ने बताया कि प्रदेश के अस्पतालों में ब्रेनडेड और अंग प्रत्यारोपण शुरु कराने के अभियान के लिए उन्हें कोटा विधानसभा क्षेत्र की विधायक डॉ रेणु जोगी, पूर्व पत्रकार स्वर्गीय मुरारी लाल अग्रवाल, जीपीएम जिले के पूर्व कलेक्टर डोमन सिंह, नम्रता गांधी, स्वास्थ्य सेवा के संयुक्त संचालक छत्तीसगढ़ शासन डॉक्टर सुभाष मिश्रा का समय-समय पर सहयोग मार्गदर्शन, संबल मिला जिसके चलते आज पेण्ड्रारोड के जिला अस्पताल में डायलिसिस मशीन का संचालन हो रहा है और प्रदेश स्तर पर राजधानी रायपुर के अस्पतालों में ब्रैंडेड व कैडेवर अंग प्रत्यारोपण प्रारंभ हो सका। इस अभियान में सभी सहयोगियों का मथुरा सोनी ने आभार व्यक्त किया है।


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