छत्तीसगढ़

पदोन्नति : आरक्षण विहीन पदोन्नति देने DEO बालोद के काउंसलिंग आदेश पर तत्काल रोक लगाए छ ग सरकार शासन से बिना लिखित मार्गदर्शन लिए सीधे काउंसलिंग का आयोजन, जिला शिक्षा अधिकारी बालोद के विरुद्ध कार्यवाही की मांग


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आरक्षण विहीन पदोन्नति देने DEO बालोद के काउंसलिंग आदेश पर तत्काल रोक लगाए छ ग सरकार
शासन से बिना लिखित मार्गदर्शन लिए सीधे काउंसलिंग का आयोजन, जिला शिक्षा अधिकारी बालोद के विरुद्ध कार्यवाही की मांग

रायपुर। गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण कुमार नवरंग ने जिला शिक्षा अधिकारी बालोद के विरुद्ध कार्यवाही की मांग छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग से किया है
ज्ञात हो कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी बालोद ने 27 जून 2024 को सहायक शिक्षक एल बी से प्रधान पाठक प्राथमिक शाला के पद पर पदोन्नति उपरांत काउंसलिंग करने सूची का प्रकाशन किया है और आगामी 3 जुलाई की तिथि निर्धारित की है ।जारी सूची में ई संवर्ग के 19 तथा टी संवर्ग के 82 पदों पर पदोन्नति दी जानी है । विदित हो मा हाई कोर्ट बिलासपुर के 16 अप्रैल.2024 को दिए निर्देश अनुसार पदोन्नति में आरक्षण की पुनः बहाली हेतु छत्तीसगढ़ शासन को समय दिया है और सामान्य प्रशासन विभाग छत्तीसगढ़ शासन ने 14 जून.2024 को एक परिपत्र जारी कर विभाग प्रमुख को हाई कोर्ट के निर्देश का पालन कही है परंतु जिला शिक्षा अधिकारी बालोद ने उच्च न्यायालय बिलासपुर के निर्देश तथा स्कूल शिक्षा विभाग छ ग शासन से लिखित में मार्गदर्शन लिए बिना सीधे प्रधान पाठक के पद पर पदोन्नति करने काउंसलिंग का आयोजन मनमानी पुर्वक है , जानबूझकर अनुसूचित जाति ,अनुसूचित जनजाति के शिक्षकों को पदोन्नति से वंचित करने के लिए तत्परता से कार्यवाही करने की बु नजर आती है अतः छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग जिला शिक्षा अधिकारी बालोद के विरुद्ध कार्यवाही करें ।
विदित हो सन 2019 से मार्च 2024 के बीच पदोन्नति में आरक्षण का मामला मा उच्च न्यायालय बिलासपुर में लंबित रहा , छ ग शासन ने सभी विभागों के लाखों पदों पर आरक्षण विहीन पदोन्नति कर दी उक्त पदोन्नति में अनु जाति जनजाति के एक भी पदों पर आरक्षण के तहत पदोन्नति नहीं मिली

संगठन के प्रदेशाध्यक्ष कृष्ण कुमार नवरंग ने बताया की मा उच्च न्यायालय बिलासपुर ने 16 अप्रैल 2024 को याचिका निराकृत कर पदोन्नति में आरक्षण की पुनः बहाली हेतु नियम बनाने को निर्देशित किया है ,उक्त निर्देश अनुसार छ ग शासन अपनी नीति या नियम बनाने प्रक्रियाधीन हैं ,
परंतु D E O ने शासन के मंशा जाने बगैर एवं उच्च विभाग से लिखित मार्गदर्शन लिए बगैर मनमानी पूर्वक पदोन्नति हेतु काउंसलिंग का आयोजन करना स्वेक्षाचरिता को दर्शाता है ,
पुनः विदित हो आरक्षण पर पदोन्नति किये जाने पर कुल 101 पदों में से 50 से अधिक पदों पर सिर्फ अनु जाति जनजाति के शिक्षक की पदोन्नति होगी ।
अतः गवर्नमेंट एम्प्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन छ ग DEO बालोद से तत्काल पदोन्नति हेतू काउंसलिंग पर रोक लगाने तथा पदोन्नति हेतु स्कूल शिक्षा विभाग छ ग शासन से लिखित मार्गदर्शन मांगने की मांग की है।


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