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लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से एक जून तक सात चरणों में, मतगणना 4 जून को

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नयी दिल्ली । चुनाव आयोग ने 18वीं लोकसभा के चुनावों को 19 अप्रैल से एक जून तक सात चरणों में कराने तथा मतगणना चार जून को कराने ऐलान किया है। इसके साथ देश भर में आदर्श आचार संहिता लागू हो गयी है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने दाेनों आयुक्तों ज्ञानेश कुमार एवं सुखबीर सिंह संधू की मौजूदगी में आज यहां विज्ञान भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में लोकसभा की सभी 543 सीटों के साथ साथ सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा एवं आंध्र प्रदेश की विधानसभा चुनावों एवं विभिन्न राज्यों की विधानसभाओं की 26 रिक्त सीटों पर उपचुनाव के कार्यक्रम की घोषणा की। श्री कुमार ने भारत के आम चुनाव को दुनिया में लोकतंत्र का सबसे बड़ा महापर्व करार देते हुए कहा कि आयोग ने दो साल से इसकी तैयारी की और वह हिंसा, रक्तपात, धनबल एवं दुष्प्रचार को रोकने के लिए अब तक की सबसे प्रभावी व्यवस्था के साथ आये हैं। उन्होंने कहा कि चुनावों की शुरुआत 20 मार्च को पहली अधिसूचना के साथ होगी। पहले चरण का चुनाव 19 अप्रैल, दूसरे चरण का मतदान 26 अप्रैल, तीसरे चरण में सात मई को, चौथे चरण में 13 मई, पांचवें चरण में 20 मई, छठवें चरण में 25 मई और सातवें चरण में एक जून को मतदान कराया जाएगा। विधानसभाओं के चुनाव एवं उपचुनाव के लिए मतदान भी लोकसभा के मतदान के साथ साथ कराया जाएगा। पहले चरण में 21 राज्यों की 102 सीटों पर, दूसरे चरण में 13 राज्यों की 89 सीटों पर, तीसरे चरण में 12 राज्यों की 94 सीटों पर, चौथे चरण में 10 राज्यों की 96 सीटों पर, पांचवे चरण में आठ राज्यों की 49 सीटों पर, छठवें चरण में सात राज्यों की 57 सीटों और सातवें चरण में आठ राज्यों की 57 सीटों पर मतदान होगा। उत्तर प्रदेश की 80 सीटों के लिए सभी सातों चरणों में मतदान कराया जाएगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि सभी की मतगणना चार जून को होगी। श्री कुमार ने बताया कि इस बार के आम चुनाव के लिए करीब 97 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं और 12 राज्यों में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक है। उन्होंने कहा कि 21 करोड़ मतदाता युवा वर्ग के हैं जिनमें 1.82 करोड़ मतदाता पहली बार पंजीकृत किये गये हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि 2.18 लाख मतदाता 100 वर्ष से अधिक आयु के हैं। जबकि पांच से छह लाख ऐसे मतदाता भी वोट दे सकेंगे जो एक अप्रैल को 18 वर्ष की आयु पूर्ण करेंगे। उन्होंने मतदाता पंजीकरण के लिए पहले से आवेदन कर रखा था। आयोग ने इस बार 85 वर्ष से ऊपर के और 40 प्रतिशत तक दिव्यांगता वाले मतदाताओं से घर से मतदान करने का विकल्प उपलब्ध कराने का फैसला किया है।


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