राज्यस्तरीय प्रशिक्षण उल्लास नवभारत साक्षरता के लिए गरियाबंद से 2 शिक्षक शामिल हुए

गरियाबंद। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के द्वारा राज्य स्तरीय उल्लास साक्षरता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन 7 और 8 अगस्त को किया गया था। जिसमें SRG के लिए संकुल समन्वयक मरौदा लोकेश्वर सोनवानी, सहायक शिक्षक सुश्री आरती सोनवानी SCERTप्रशिक्षण शामिल हुए. इस प्रशिक्षण में असाक्षरों को साक्षर बनाने में स्रोत शिक्षक और स्वयंसेवी शिक्षकों की भूमिका, पाठ योजना निर्माण, वातावरण निर्माण, नवाचारी गतिविधियां, सहायक शिक्षण सामग्री, आकलन एवं मूल्यांकन आदि की जानकारी दी गई। व्यक्ति, समुदाय और देश के लिए साक्षरता की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए असाक्षरों को साक्षर करने की प्रारंभ से लेकर अंत तक की प्रक्रियाओं की जानकारी दी गईं
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राज्य स्तरीय प्रशिक्षण: उल्लास नवभारत साक्षरता के लिए के दोनों लोकश्वर सोनवानी सुश्री आरती सोनवानी SRG शिक्षक शामिल हुए , असाक्षरों को साक्षर बनाने की ट्रेनिंग प्राप्त किये.
राज्य स्तरीय प्रशिक्षण: उल्लास नवभारत साक्षरता के लिए गरियाबंद के दो शिक्षक शामिल, असाक्षरों को साक्षर बनाने
राज्य स्तरीय उल्लास नवभारत साक्षरता उन्मुखीकरण प्र
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के द्वारा राज्य स्तरीय उल्लास साक्षरता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन 7 और 8 अगस्त को किया गया था।

राज्य स्तरीय प्रशिक्षण में गरियाबन्द जिले के दो शिक्षक हुए शामिल
उल्लास पोर्टल में करें पंजीयन
वर्तमान में राज्य में असाक्षरों का सर्वे कर उन्हें साक्षर करने के लिए स्वयं सेवी शिक्षकों का चयन कर उल्लास पोर्टल में पंजीयन की प्रक्रिया चल रही है। इसके बाद इन स्वयं सेवी शिक्षकों को अगस्त माह के अंत तक मास्टर ट्रेनर द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। एससीईआरटी के संचालक राजेंद्र कुमार कटारा के द्वारा समस्त राज्य स्त्रोत शिक्षकों को असाक्षरों को शिक्षित करने के लिए प्रेरित किया गया। उन्होंने कहा कि, यह कार्यक्रम साक्षरता कार्यक्रम से कहीं बढ़कर है। यह एक आंदोलन है। यह उज्जवल भविष्य और सशक्त नागरिकों की ओर एक अभियान है यह मानता है कि, साक्षरता एक मौलिक मानव अधिकार है और इस अधिकार को सभी के लिए सुलभ बनाने का प्रयास करता है।

पढ़ना है जरूरी
एससीईआरटी के संचालक राजेंद्र कुमार कटारा ने कहा कि, इस यात्रा पर निकलने वाले शिक्षार्थी न केवल पढ़ना और लिखना सिखते हैं, बल्कि अपने जीवन और अपने आजीविका और अपने समुदाय में महत्वपूर्ण बदलाव लाने में भी सक्षम होते हैं। पढ़ा गया प्रत्येक शब्द, गणना की गई । प्रत्येक संख्या और समझा गया प्रत्येक विचार उन्हें उनके सपनों के एक कदम करीब लाता है और भविष्य में भी ऐसा करना जारी रखेगा.
असाक्षरों को मित्रवत व्यवहार से सिखाएं
अतिरिक्त संचालक जे पी रथ ने कहा कि, असाक्षरों के पास कोई लक्ष्य नहीं होता। इसलिए उन्हें सीखना थोड़ा चुनौतीपूर्ण कार्य है, यह बताते हुए उनसे मित्रवत व्यवहार करते हुए सिखाने पर जोर दिया। राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के असिस्टेंट डायरेक्टर प्रशांत पांडेय के द्वारा आगामी प्रशिक्षणों की रूपरेखा की विस्तृत जानकारी दी गई। इस प्रशिक्षण में जिले से शामिल दोनों राज्य स्त्रोत शिक्षकों की सक्रिय सहभागिता रही , राज्य स्रोत के शिक्षक उपस्थित थ.

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