प्राचार्य/व्याख्याता पदोन्नति में हो रही अनियमितता से बिफरा शालेय शिक्षक संघ,पूछा पदोन्नति देने की मंशा है या नही..?
प्राचार्य/व्याख्याता पदोन्नति में हो रही अनियमितता से बिफरा शालेय शिक्षक संघ,पूछा पदोन्नति देने की मंशा है या नही..?
रायपुर।शिक्षाविभाग की लापरवाही और लालफीताशाही पर उठ रहे सवाल, त्रुटिपूर्ण वरिष्ठता सूची में सुधार किए बगैर मांगा पदोन्नति प्रस्ताव जबकि कई त्रुटियां पिछले पांच साल से यथावत और प्रभावित शिक्षक लगातार कर रहे दावा आपत्ति*🌀
शिक्षक एल बी संवर्ग के साथ अन्याय-अधिसंख्य एल बी संवर्ग के शिक्षकों हेतु अत्यंत नगण्य पद पर प्रस्ताव मांगे गए हैं पर जिनकी संख्या कम उनके लिए ज्यादा पद आरक्षित, वीरेंद्र दुबे ने कहा संवर्ग रेशियो बदलने की जरूरत,संख्या के आधार पर मिले शिक्षक एल बी संवर्ग को ज्यादा हिस्सेदारी
पदोन्नति प्रस्ताव पर भी प्रश्न चिन्ह- पहले ई एल बी संवर्ग हेतु 600 तथा टी एल बी संवर्ग हेतु 550 क्रमांक तक प्रस्ताव मांगे थे,पर वर्तमान में इसे घटाकर ई एल बी के लिए 500 और टी एल बी के लिए 408 क्रमांक तक मंगाए गए हैं पर ई संवर्ग के शिक्षकों की संख्या में भारी इजाफा होना पदोन्नति का पक्षपात पूर्ण होने का इशारा
शालेय शिक्षक संघ ने DPI द्वारा प्राचार्य पदोन्नति हेतु बिना संशोधित वरिष्ठता सूची जारी किए बगैर पदोन्नति प्रस्ताव मंगाए जाने तथा शिक्षक एल बी संवर्ग को अत्यंत कम पद पर पदोन्नति दिए जाने पर कड़ा आपत्ति जताया है शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने DPI से पूछा कि अंतरिम वरिष्ठता सूची की त्रुटियों के सुधार हेतु हमारे संगठन के सुझाव को मानते हुए आपने दस्तावेज सत्यापन और दावा आपत्ति हेतु पत्र भी निकाला था परंतु उसका निष्कर्ष क्या हुआ अभी तक सार्वजनिक नही किया, दावा आपत्ति लेंने और उसके सुधार के बाद DPI ने अंतिम वरिष्ठता सूची निकाले बगैर ही पदोन्नति प्रस्ताव हेतु सीरियल क्रमांक की संख्या जारी कर दी जो कि सन्देह उत्पन्न करता है, और यह सवाल भी पैदा करता है कि क्या इस तरह की गम्भीर त्रुटियाँ करके पदोन्नति को बाधित करने का प्रयास तो नही किया जा रहा ? क्योंकि उक्त त्रुटियां गम्भीर हैं और उससे पदोन्नति प्रभावित हो रही है। वर्षो से पदोन्नति की बाट जोह रहे व्याख्याता एल बी संवर्ग, इस वरिष्टता सूची को देखकर अपनी माथा पीट रहा है, क्योंकि इसमें जो गलतियां की गई वह अवांछनीय है,जिन्हें दूर करने के बाद ही पात्र व्याख्याता की प्राचार्य पद पर पदोन्नति हो। इसी तरह शिक्षा विभाग की रीढ़ शिक्षक एल बी संवर्ग जिनकी संख्या विभाग में सर्वाधिक है उनको पदोन्नति हेतु अत्यंत कम पद दिया जा रहा पर जिस संवर्ग की संख्या नगण्य है उन्हें ज्यादा पद पर पदोन्नति दी जा रही है यह भी शिक्षक एल बी संवर्ग के लिए अन्याय है, संवर्ग रेशियो बदलने की जरूरत है, पदोन्नति हेतु विभाग में जिस संवर्ग की जितनी भागीदारी है उसकी उतनी हिस्सेदारी भी होनी चाहिए।
प्रांतीय महासचिव धर्मेश शर्मा तथा प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा ने वरिष्ठता सूची की गड़बड़ियों को सार्वजनिक करते हुए बताया कि 08/05/2024 को जारी व्याख्याता ईएलबी व टीएलबी संवर्ग की वरिष्ठता सूची में भारी विसंगतियां व्याप्त है, जिनका निराकरण अत्यंत आवश्यक है। उसमे संशोधन किए बगैर पदोन्नति देना उचित नही होगा।
सूची में मुख्य रूप से व्याप्त विसंगतियां निम्नानुसार है:-
01.म.प्र.से स्थानांतरण में छ.ग. आने वाले कर्मचारियों की छ.ग.में कार्य भार ग्रहण दिनांक के स्थान पर म.प्र.की प्रथम नियुक्ति तिथि को वरिष्ठता दिनांक अंकित करना।
02.अंतर्नियोक्ता स्थानांतरण (दूसरे जिला पंचायत या दूसरे नगरीय निकाय में स्थानांतरण)की स्थिति में स्थानांतरित निकाय में कार्य भार ग्रहण दिनांक के स्थान पर प्रथम नियुक्ति तिथि को वरिष्ठता दिनांक करना।
03.पूर्ववर्ती संविदा शिक्षकों के मामले में पद परिवर्तन दिनांक 01/05/2005 के स्थान पर पद परिवर्तन आदेश दिनांक को वरिष्ठता दिनांक अंकित करना।
04.पदोन्नति व निम्न से उच्च पद के मामलों में वर्तमान पद पर नियुक्ति तिथि के स्थान पर पिछले पद की नियुक्ति तिथि को वरिष्ठता दिनांक अंकित करना।
05.मृत व सेवानिवृत्त कर्मचारियों का नाम अभी भी सूची में होना।
- 06.संविलियन पश्चात स्थानांतरित कर्मचारियों का नाम पूर्व संस्था में ही होना।
विभाग व संबंधित कार्यालय विगत 05 वर्षों से केवल दावा आपत्ति मांगने की औपचारिक करता है किन्तु विसंगतियों का निराकरण नहीं करता। विसंगतियों का समुचित निराकरण हुए बिना पदोन्नति उचित भी नहीं है और संभव भी नहीं है। इसी तरह पदोन्नति जे रिक्त पदों को भी सार्वजनिक नही किया जा रहा जिससे सही अनुपात में पदोन्नति हो रही है या नही यह ज्ञात हो, विभाग पदोन्नति के पद सार्वजनिक करे और एल बी संवर्ग को संख्या के आधार पर आनुपातिक पदोन्नति प्रदान करे, इसके लिए राजपत्र में संशोधन की जरूरत पड़े तो वह भी करनी चाहिए ताकि अधिसंख्य एल बी संवर्ग के साथ अन्याय न हो।