कर्मचारी जगत

कैबिनेट से निराश कर्मचारी वर्ग : डीए का एरियर्स राशि रोके जाने से 6 लाख कर्मचारी, अधिकारी, पेंशनर्स भी असंतुष्ट राज्य के 1.80 लाख शिक्षकों में निराशा, क्रमोन्नति का वायदा पूरा नहीं किया गया

Posted on

पेण्ड्रा/दिनांक 28 सितंबर 2022

केबिनेट की बैठक में एलबी संवर्ग की मांगो पर निर्णय नहीं लिए जाने से राज्य के 1.80 लाख शिक्षकों में निराशा, क्रमोन्नति का वायदा पूरा नहीं किया गया,

डीए का एरियर्स राशि रोके जाने से 6 लाख कर्मचारी, अधिकारी, पेंशनर्स भी असंतुष्ट

पेण्ड्रा / राज्य सरकार के केबिनेट की बैठक में एलबी संवर्ग की मांग पर कोई निर्णय नहीं लिए जाने से 1.80 लाख शिक्षक निराश हुए हैं। कांग्रेस ने चुनाव में एलबी संवर्ग शिक्षकों को क्रमोन्नति देने का वायदा किया था जिसे पूरा नहीं किया गया है। वहीं मंहगाई भत्ता का बकाया एरियर्स राशि का भुगतान नहीं किए जाने के कारण राज्य के लगभग 6 लाख कर्मचारी, अधिकारी और पेंशनर्स इसे गलत परम्परा की शुरूआत मानकर असंतुष्ट दिख रहे हैं।

विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने की तारीख करीब आते देख राज्य के कर्मचारियों को 26 सितंबर के भूपेश केबिनेट की बैठक से बहुत उम्मीद थी लेकिन सभी को निराशा हाथ लगी। राज्य के एलबी संवर्ग शिक्षक पिछले 5 वर्षों से पूर्व सेवा गणना, क्रमोन्नत वेतनमान और पुरानी पेंशन योजना के तहत पूर्ण पेंशन दिए जाने की मांग करते आ रहे हैं। कांग्रेस ने अपनी चुनावी घोषणा पत्र में क्रमोन्नत वेतनमान देने की मांग को शामिल भी किया था लेकिन अब तक मांग को पूरा नहीं किया, जिससे एलबी संवर्ग शिक्षकों में भारी असंतोष है।

मध्य प्रदेश में शिक्षा कर्मियों को मिल रहा पूर्व सेवा गणना कर क्रमोन्नत वेतनमान

बता दें कि 01 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य बनने के 5 वर्ष पहले 1995 से मध्य प्रदेश में शिक्षाकर्मी भर्ती शुरु हुई थी। मध्य प्रदेश में शिक्षा कर्मियों का पूर्व सेवा गणना कर क्रमोन्नत वेतनमान दिए जाने के कारण वहां सहायक शिक्षक सहित शिक्षकों के वेतन में विसंगति नहीं है जबकि छत्तीसगढ़ में वेतन विसंगति है। मध्य प्रदेश शासन के समय से भर्ती किए गए हजारों शिक्षाकर्मी एलबी संवर्ग शिक्षक के रुप में छत्तीसगढ़ में कार्यरत हैं जिनकी 20 वर्ष की सेवा को शून्य कर दिए जाने के कारण ये शासन से पूर्व सेवा गणना करने की मांग लगातार करते आए हैं। पूर्व सेवा शून्य होने के कारण इनको पदोन्नति, क्रमोन्नति का लाभ नहीं मिल पा रहा है वहीं पुरानी पेंशन योजना बहाली के बावजूद शिक्षा कर्मियों को इसका समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसी कारण से बहुत से शिक्षाकर्मी बिना पेंशन के ही रिटायर होते जा रहे हैं।

प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में 90 दिन के लिए गठित कमेटी ने 2 साल में नहीं दिया रिपोर्ट

सहायक शिक्षक फेडरेशन की मांग पर वेतन विसंगति दूर करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 4 सितम्बर 2021 को उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने का निर्देश दिया था जिसे 90 दिनों में अपना रिपोर्ट मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत करना था। प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला की अध्यक्षता में 16 सितंबर 2021 को कमेटी गठित किया गया लेकिन कमेटी ने 2 साल बीत जाने के बावजूद अपना रिपोर्ट मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया जिससे प्रदेश के समस्त सहायक शिक्षकों में असंतोष भरा हुआ है। 26 सितंबर को केबिनेट की बैठक से भी एलबी संवर्ग को कुछ नहीं मिला।

डीए का एरियर्स राशि रोके जाने को गलत परम्परा की शुरुआत मान रहे कर्मचारी अधिकारी

राज्य के लगभग 6 लाख कर्मचारियों, अधिकारियों एवं पेंशनरों का वर्ष 2019 से मंहगाई भत्ता का एरियर्स राशि रोका जा रहा है जिसके कारण इनमें भी असंतोष है। पहली बार किसी सरकार ने डीए का एरियर्स राशि रोका है और उसके भुगतान के संबंध में कोई बयान भी नहीं दिया जा रहा है, जिसे कर्मचारी जगत में गलत परम्परा का शुरुआत माना जा रहा है। कर्मचारियों, अधिकारियों एवं पेंशनरों का कहना है कि अभी लाखों रुपए का भुगतान नहीं किया गया है और यदि ऐसी परम्परा कायम हो गई तो भविष्य में लाखों रुपए डूबते रहेंगे।


There is no ads to display, Please add some
Click to comment

Most Popular

Exit mobile version