पेण्ड्रा/दिनांक 10 अगस्त 2023
पूर्व सेवा गणना कर वेतन विसंगति दूर करने और पूर्ण पेंशन के लिए एलबी शिक्षकों का अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरु,
जन घोषणा पत्र में किए वायदे को सरकार से पूरा कराने के लिए अड़े
पेण्ड्रा / पूर्व सेवा गणना कर प्रथम नियुक्ति तिथि से वेतन विसंगति दूर करते हुए क्रमोन्नत वेतनमान और 20 वर्ष की सेवा में पूर्ण पेंशन देने की मांग कर रहे एलबी संवर्ग शिक्षकों ने 10 अगस्त से अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरु कर दिया है। शिक्षकों का कहना है कि जब तक मांग पूरी नहीं होगी तब तक हड़ताल जारी रहेगा।
कांग्रेस पार्टी के द्वारा 2018 के विधानसभा चुनाव के जन घोषणापत्र में किए गए वायदे को पूरा करने की मांग एलबी संवर्ग शिक्षक लंबे समय से कर रहे हैं। इसको लेकर सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन के प्रांत व्यापी आहवान पर जीपीएम जिले में भी एलबी संवर्ग शिक्षकों ने अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन शुरु कर दिया है। धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप से जिलाध्यक्ष दिनेश राठौर, सत्यनारायण जायसवाल, संजय नामदेव, जितेंद्र शुक्ला, ओम प्रकाश सोनवानी, अमिताभ चटर्जी, अजय चौधरी, पीयूष गुप्ता, रश्मि नामदेव, मीना रौतेल, वैजयंती पैकरा, किरन रघुवंशी, रिचा सराफ, नीलू श्रीवास, विद्यावती भास्कर, प्रीति गुप्ता, सुलोचना चौधरी, संतोषी कैवर्त, तिलेश्वरी पैकरा, अनीता कंवर, यज्ञ नारायण शर्मा, राजेश चौधरी, धर्मेंद्र कैवर्त, संतोष कश्यप, भागीरथी कैवर्त, सुपेत मराबी, रमेश राठौर, संजय साहू, विजय साहू, राजकुमार पटेल, प्रशांत शर्मा, विनय राठौर, रत्नेश सोनी, शिवप्रसाद रैदास, सूर्यभान राठौर, सुनीता कश्यप, नीता राय, ओम कुमारी पोट्टाम, खेलनवती वाकरे, स्मिता मार्टिन, अर्चना पैकरा, योगेश पैकरा, लक्ष्मनिया उद्दे, गीता दुबे, सुनीता रैदास, शबनम परवीन, चंदा राठौर, कृष्णा सिंह, सुषमा परस्ते, जरीना खान, दीपचंद गुप्ता, दुर्गा प्रसाद मराबी, अवधराम राठौर, अवधलाल कश्यप, ओमवती शर्मा, राम सिंह यादव, चेतन राठौर, मिथुन राठौर, कन्हैया वासुदेव, सुजीत पटेल, अनिल कुर्मी, संजय मरावी, महेंद्र बंजारे, प्यारेलाल जगत, सुरेश दुबे, दयाराम भानु, सुशील जोशी, ओमकार दास पुरी, रवि पांडे, राजू यादव, कोमल पेंद्रो, शिवपाल उईके, अनिल कुमार, चंद्रिका चौधरी, नामसाय रौतेल, रायसिंह, अंतराम रौतेल, परसराम, चिंतामन राठौर, मनोज कुमार, अनिल रोहिणी इत्यादि उपस्थित थे।
क्या है मामला ?
दरअसल 1 जुलाई 2018 को रमन सरकार ने शिक्षा कर्मियों का शिक्षा विभाग में संविलियन कर दिया था। इसके बाद शिक्षाकर्मी का पदनाम एलबी संवर्ग शिक्षक हो गया। लेकिन 1998 से 30 जून 2018 तक की शिक्षाकर्मी के रुप में किए गए पूर्व सेवा को शून्य घोषित कर दिया गया जिसके कारण उनमें वेतन विसंगति पैदा होने के साथ ही भूपेश सरकार द्वारा लागू किया गया पुरानी पेंशन योजना का लाभ भी हजारों एलबी शिक्षकों को नहीं मिल पा रहा और जिन्हें मिलेगा भी तो औसत स्तर पर मिलेगा, इसलिए एलबी संवर्ग शिक्षक शासन की नीतियों से नाराज हैं और अपनी मांग को लेकर अनिश्चित कालीन हड़ताल कर रहे हैं।
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